विधायक कुलदीप सेंगर से दुष्कर्म की शिकार हुई पीड़ता ने न्याय की लड़ाई में तमाम संघर्षों का सामना करना पड़ा। इस दौरान उसने परिवार के कई सदस्यों को हमेशा के लिए खो दिया। पिता और दादी के बाद उसने उस चाची और मौसी को भी खो दिया, जिन्होंने उसे न्याय की लड़ाई के लिए हौसला दिया।
रायबरेली में हुए हादसे में पीड़िता की तो जान बच गई लेकिन, विधायक और उसके गुर्गों की धमकियों के बाद न्याय की लड़ाई में उसका साथ देने वाले वकील अभी भी कोमा में है। 4 जून 2017 को 17 साल की उम्र में किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। किशोरी को अगवा कर अलग-अलग स्थानों पर रखा गया। आठ महीने बाद उसको पुलिस ने खोज लिया था।